भारत सरकार: क्रिप्टो इन्वेस्टर्स के हित में उचित क्रिप्टो टैक्स पॉलिसी लाएं
भारत सरकार: क्रिप्टो इन्वेस्टर्स के हित में उचित क्रिप्टो टैक्स पॉलिसी लाएं
यह पेटीशन क्यों मायने रखती है
भारत में लगभग 1.5-2 करोड़ क्रिप्टो निवेशक और कई लाख युवा भारतीय हैं जो क्रिप्टो उद्योग का हिस्सा हैं और क्रिप्टो में कई सेवाओं के विकास की ओर काम कर रहें हैं। रॉयटर्स की एक रीपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिप्टो निवेशकों की कुल ऐसेट्स लगभग 5-6 बिलियन डॉलर तक की आंकी गई है। इनमें से ज़्यादातर निवेशक छोटे स्तर के हैं, जो अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं और ईमानदारी से अपने प्रोफ़िट को डिस्क्लोज़ भी करते हैं और टैक्स भी भरते हैं।
क्रिप्टो उद्योग, सरकार को रोजगार प्रदान करने, एफडीआई निवेश लाने, जीएसटी भुगतान और आयकर राजस्व के रूप में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। भारतीय एक्सचेंजों पर औसत दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग 750 - 1500 करोड़ है और प्रत्येक ख़रीदी और बिक्री पर एक्सचेंजों द्वारा लगाए गए 0.2% ब्रोकरेज के कारण, हर दिन लगभग 50-100 लाख रुपयों का जीएसटी संग्रह होता है। इसके अलावा, भारतीय क्रिप्टो इकोसिस्टम ने 2021 में अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों से लगभग $638 मिलियन मूल्य की फंडिंग प्राप्त की है (स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स)।
क्रिप्टो उद्योग लगातार सरकार से नियमों की मांग करता आया है और सरकारी जांच द्वारा भी अपना पूरा समर्थन दिया है। लेकिन 2022 के बजट में माननीय वित्त मंत्री द्वारा रखे गए प्रस्तावों में क्रिप्टो को सट्टेबाजी और जुए जैसी सामाजिक बुराइयों जैसा माना गया है! इसका न केवल उद्योग पर बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था पर बेहद हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।
इसलिए, हमारे देश, निवेशकों और उद्योग के सर्वोत्तम हित में, हम आपसे निम्नलिखित बजट प्रस्तावों पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हैं। क्रिप्टो उद्योग, इन नियमों को लाने में सरकार की मदद करना चाहता है और भारत को क्रिप्टो के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना चाहता है, जो 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने के हमारे दृष्टिकोण के से संरेखित है।
1. क्रिप्टो उद्योग को सट्टेबाजी और जुआ उद्योग के समान नहीं माना जाना चाहिए।
2. धारा 115BBH के तहत 30% पर प्रस्तावित टैक्स को धारा 111ए और धारा 112ए के अनुरूप लाया जाना चाहिए यानी की टैक्स रेट जो शेयर बाजार के लेनदेन पर लागू की जाती है।
3. धारा 194एस के तहत बिक्री प्रतिफल पर 1% का टीडीएस घटाकर 0.01% किया जाने चाहिए या एसएफटी को स्टॉक एक्सचेंजों की तरह ही क्रिप्टो एक्सचेंजों पर भी लागू किया जाना चाहिए।
4. अधिग्रहण की लागत में एक्सचेंज फीस, ब्लॉकचैन नेटवर्क फीस, ब्याज भुगतान, एनएफटी पर रॉयल्टी भुगतान आदि को शामिल किया जाना चाहिए।
5. लॉस सेट-ऑफ और कैरी-फॉरवर्ड की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि क्रिप्टो बाजार अपने प्रारंभिक चरण में है और अस्थिर हैं।
माननीय वित्त मंत्री जी,
हम आपसे आग्रह करते हैं कि कृपया उद्योग के इन अनुरोधों पर विचार करें, बजट में दिए गए प्रस्तावों से न सिर्फ़ क्रिप्टो व्यापारियों पर बल्कि पूरे क्रिप्टो उद्योग पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है।
डिसीजन-मेकर (फैसला लेने वाले)
- Prime Minister Narendra Modi
- Ms Nirmala Sitharaman