संयुक्त राष्ट्र से सार्वजनिक निवेदन
संयुक्त राष्ट्र से सार्वजनिक निवेदन
यह पेटीशन क्यों मायने रखती है
भूमिका
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सम्पूर्ण विश्व को सुखी, समृद्ध, स्वस्थ व शिक्षित बनाने हेतु एजेंडा 2030 पर कार्य कर रहा है। देखने पर यह बहुत आकर्षक प्रतीत होता है परन्तु इसे पूरा पढऩे पर मुझे यह एजेंडा मानवमात्र के लिए घातक लगा, विशेषकर छोटे निर्धन देशों, विकासशील देशों तथा बड़े व विकसित देशों के भी सामान्य जनों के लिए यह दूरगामी भयंकर दुष्परिणाम लाने वाला है।
इस एजेंडे में विश्व भर से गरीबी, अशिक्षा, रोग, पर्यावरण प्रदूषण, असमानता, हिंसा, अन्याय, शोषण एवं भेदभाव आदि को दूर करके अच्छी शिक्षा, रोजगार, उन्नत कृषि, अच्छा स्वास्थ्य, शुद्ध जलवायु, समानता, मानव अधिकार, उच्च तकनीक जैसे स्वप्न दिखाए गए हैं। इस कारण, इस पत्र के माध्यम से मैंने संयुक्त राष्ट्र संघ को यह महत्वपूर्ण सार्वजनिक निवेदन किया है तथा इन सभी बिन्दुओं की समीक्षा करके, अनेक वेदानुकुल समाधान सुझाये हैं। इसे लिखने के लिए मैंने अनेक शोध लेखों को उद्धृत किया है। मैंने विश्व को बचाने के लिए ही यह प्रयास किया है।
आप सभी जनों से निवेदन है कि वे मेरे इस पत्र को बहुत गम्भीरता से पढ़े क्योंकि विश्व को बचाने के लिए आप सबका जागरूक होना अनिवार्य है। इसलिए आप इस प्रयास में सक्रिय सहयोग प्रदान दें, अन्यथा हमारी पीढ़ी हमें धिक्कारेंगी। हमने इस पत्र के माध्यम से आप सभी को एक दिशा देने का प्रयास किया है, लेकिन चलना आप सभी को ही है और इस पर कैसे चलेंगे यह भी आपको ही सोचना है।
पूरा दस्तावेज़ डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें।
कृपया इस याचिका पर हस्ताक्षर करें और हमसे जुड़ें।
मुझे विश्वास है कि अगर change.org पर हमारी याचिका पर लाखों नागरिकों द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं तो संयुक्त राष्ट्र हमारी सामूहिक आवाज को सुनेगा।
कृपया मानवता के लिए अधिक से अधिक शेयर करें।
- आचार्य अग्निव्रत नैष्टिक, वैदिक वैज्ञानिक